सपोर्ट शाहरुख–
क्योंकि उन्होंने अमिताभ और करण जौहर की तरह मांद के मेमनो से माफी मांगने से इनकार कर दिया.
क्योंकि उनके समर्थन में उन्हीं की जमात का कोई आगे नहीं आ रहा जबकि ज्यादतर इसके शिकार हो चुके हैं या हो सकते हैं.
क्योंकि शाहरुख को अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए किसी ऐरे-गैरे की जरूरत नहीं है.
क्योकि ये ओछी वोट की राजनीति है
क्योंकि ये खुद को देश, कानून और संविधान से ऊपर समझने की खतरनाक कोशिश है
क्योंकि सचिन तेंदुलकर और मुकेश अंबानी को इसी तरह के बयानों पर न तो ज्यादा सफाई देने की जरूरत होती है नही इन लोगों की ज्यादा सफाई मांगने की हिम्मत होती है.
क्योंकि सिर्फ खान होना इस देश में कोई गुनाह नहीं है
क्योंकि मुंबई को सिर्फ तीन इडियट्स (बाल राज उद्धव ठाकरे) के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता.
क्योंकि ये माफी मंगवा कर अपने अहं को तुष्ट करने की कोशिश है जो किसी भी समप्रभुता संपन्न व्यक्ति को स्वीकार नहीं होनी चाहिए.
क्योंकि अगर इस बार शाहरुख ने भी माफी मांग ली तो फिर प्रतिरोध की अंतिम उम्मीद भी खत्म हो जाएगी.
क्योंकि उनकी अपनी जमात के लोगों ने (आमिर, अमिताभ, करण) माफी मांग कर जिस रीढ हीनता का परिचय दिया है वो आदत इसके बाद एक परंपरा बन सकती है.
क्योंकि चुप बैठने से कुत्ता भी पैर पर सू-सू करने की हिम्मत कर बैठता है…
बिलकुल सही बात है । हम साथ साथ हैं । शुभकामनायें
बिलकुल सही बात है ।
अच्छा और लालित्य-पूर्ण लेखन ! बधाई !